सिद्ध जाति को सेंट्रल ओबीसी में जोड़ने की जरूरत

लोकसभा डिबेट, दिनांक 29 नवंबर 2011
श्री राम सिंह कस्वां (चुरू):  राजस्थान में सिद्ध जाति को राज्य के केन्द्रीय पिछड़े वर्ग की सूची में शामिल करने की मांग काफी समय से की जा रही है, इसके लिए उक्त जाति आवश्यक मानदंड पूर्ण करती है । सिद्ध जाति राजस्थान में जाट समाज से निकली हुई जाति है । जाटों को पहले ही केन्द्रीय पिछड़े वर्ग में शामिल किया जा चुका है । सिद्ध जाति के अलावा इस स्तर की काफी जातियों को इस श्रेणी में शामिल किया जा चुका है, लेकिन सिद्ध जाति को केन्द्रीय पिछड़े वर्ग में शामिल नहीं किया गया है । सिद्ध जाति मुख्य रूप से राजस्थान के मरूस्थलीय ईलाके में निवास करती है । इनका व्यवसाय खेती एवं पशुपालन है । यह जाति भारत में अल्पसंख्यक है । इस जाति से कोई भी व्यक्ति उच्च अधिकारी, विधायक एवं संसद सदस्य नहीं है । सिद्ध जाति सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक व राजनैतिक रूप से अति पिछड़ी जाति है । वर्मा आयोग ने अपनी रिपोर्ट 2001 में सिद्ध जाति को ओ.बी.सी. के "सी" वर्ग में रखा है, जो अत्यधिक पिछड़ा वर्ग में आता है । मेरा सरकार से आग्रह है कि सिद्ध जाति को राजस्थान राज्य के केन्द्रीय पिछड़े वर्ग की सूची में शामिल किया जाए ।

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