कतरियासर में सिद्ध सम्प्रदाय के पांच दिवसीय आसोज मेले के अंतिम दिन शनिवार को मंदिर में दर्शनार्थ श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। दिनभर पैदल यात्रियों के जत्थे पहुंचे। अलसुबह मंदिर में दर्शनार्थ श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। जसनाथजी मंदिर में कतरियासर महंत बीरबलनाथजी ज्याणी ने ज्योत प्रज्ज्वलित की। श्रद्धालुओं ने नारियल, खोपरा, मिश्री, मेवों का भोग लगाकर शीश नवाकर मनौतियां मांगी। वहीं नवविवाहितों ने गठजोड़े की धोक लगाई। मंदिर में हवन भी हुआ। इसमें घी खोपरा की आहुतियां दी गई। मेले में पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश सहित जैसलमेर, बाड़मेर, चूरू, सीकर सहित विभिन्न स्थानों से श्रद्धालु पहुंचे।
मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए रात्रि में परंपरागत बाजरा, मोठ, घी व कड़ी का प्रसाद वितरण किया गया। श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। मेले में शुक्रवार रात्रि को अग्नि नृत्य हुआ। इसमें धधकते अंगारों पर अनुयायी आस्था के साथ थिरके। इस अवसर पर जसनाथजी की ओर से रचित सिंम्भूधड़ो, कोड़ो, गोरखछन्दौ, स्तवन रचनाओं का सस्वर गायबा गायन किया गया। जागरण के बाद इस पंथ के मतावलंब अपने तीर्थ स्थान से चलू आचमन लेकर विदाई ली।
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